RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -06-Mar-2023

एहसास 

मेरे दिल में बसा दर्द जाने कब 
मेरे एहसासों को फना कर गया
मेरे आंसूओं के साथ ही साथ
मेरी चाहतों को भी बेरुखी से
बेरंग कर गया, मेरे लवों को 
छू कर जब वो‌ दर्द का एहसास 
गुज़रा तब भी मैंने कभी ये‌ नहीं 
समझा कि दर्द क्या है जिस 
तरहां आज‌ गुजरात एहसास 
समझा रहा है, सूखी पड़ी आंखें
बिन आंसू रोए कैसे बस यही 
एहसास दिल को जलाए हर पल। 
      राखी सरोज 

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4 Comments

Varsha_Upadhyay

11-Mar-2023 09:37 PM

शानदार

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Abhinav ji

07-Mar-2023 08:37 AM

Very nice 👍

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अदिति झा

06-Mar-2023 10:58 PM

Nice 👍🏼

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RAKHI Saroj

07-Mar-2023 07:58 AM

Thank you

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